खाते-पीते दहशत जीते , घुटते-पिटते बीच के लोग,
वर्ण धर्म पटखनी लगाता, माहुर गाते बीच के लोग,
घर में घर की तंगी नंगी, भ्रम में भटके बीच के लोग,
लोभ-लाभ की माया लादे , झटके खाते बीच के लोग,
घना समस्याओं का जंगल, कीर्तन गाते बीच के लोग,
नीचे श्रमिक विलासी ऊपर, बीच में लटके बीच के लोग.
वर्ण धर्म पटखनी लगाता, माहुर गाते बीच के लोग,
घर में घर की तंगी नंगी, भ्रम में भटके बीच के लोग,
लोभ-लाभ की माया लादे , झटके खाते बीच के लोग,
घना समस्याओं का जंगल, कीर्तन गाते बीच के लोग,
नीचे श्रमिक विलासी ऊपर, बीच में लटके बीच के लोग.