tag:blogger.com,1999:blog-527173203414996906.post7951815193183838256..comments2023-05-25T07:09:17.145-07:00Comments on विकल्प: धरती : एक वर्जित ग्रहUnknownnoreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-527173203414996906.post-44747620856382137452012-12-04T20:59:18.406-08:002012-12-04T20:59:18.406-08:00आपका ब्लॉग अच्छा ही नहीं, बहुत जरूरी है।
इस जरूरी ...आपका ब्लॉग अच्छा ही नहीं, बहुत जरूरी है।<br />इस जरूरी बात से भला साहित्य और विचार का कौन कार्यकर्ता सहमत नहीं होना चाहेगा-‘‘ निश्चय ही हमें एक नयी राजनीति की रूपरेखा तैयार करनी होगी- जो जन हस्तक्षेप को न्यायसंगत मानती हो, जिसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बाजार को मुक्त कराने के घिनौने मकसद से कहीं ज्यादा महान उद्देश्य अन्तर्निहित हो, जो मुठी-भर उद्योगों को को खास तरजीह देकर उन्हें बचने के बजाय, आम जनता और इस सजीव संसार के अस्तित्व को ज्यादा अहमियत देती हो. दूसरे शब्दों में, एक ऐसी राजनीति जो हमारी अपनी हो, न कि मुट्ठी भर चरम अमीर तबके के लिए. ’’ <br />दिगम्बर जी, ब्लॉग की इस भूमिका के लिए बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।Ganesh Pandey https://www.blogger.com/profile/05090936293629861528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-527173203414996906.post-57119769443391283822012-12-04T11:35:23.290-08:002012-12-04T11:35:23.290-08:00एक ज़रूरी आलेख...एक ज़रूरी आलेख...Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.com