भेडिया गुर्राता है
तुम मशाल जलाओ ।
उसमें और तुममें
यही बुनियादी फर्क है
भेडिया मशाल नहीं जला सकता ।
अब तुम मशाल उठा
भेडिये के करीब जाओ
भेडिया भागेगा ।
करोड़ों हाथों में मशाल लेकर
एक-एक झाडी की ओर बढो
सब भेडिये भागेंगे ।
फ़िर उन्हें जंगल के बाहर निकल
बर्फ में छोड़ दो
भूखे भेडिये आपस में गुर्रायेंगे
एक-दूसरे को चीथ खायेंगे ।
भेडिये मर चुके होंगे
और तुम ?
_सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
तुम मशाल जलाओ ।
उसमें और तुममें
यही बुनियादी फर्क है
भेडिया मशाल नहीं जला सकता ।
अब तुम मशाल उठा
भेडिये के करीब जाओ
भेडिया भागेगा ।
करोड़ों हाथों में मशाल लेकर
एक-एक झाडी की ओर बढो
सब भेडिये भागेंगे ।
फ़िर उन्हें जंगल के बाहर निकल
बर्फ में छोड़ दो
भूखे भेडिये आपस में गुर्रायेंगे
एक-दूसरे को चीथ खायेंगे ।
भेडिये मर चुके होंगे
और तुम ?
_सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
बहुत बढिया!!
ReplyDeleteभेडिये मर चुके होंगे
और तुम ?
_सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Kavita ma kafi acha motivation ha
ReplyDeleteGood story
ReplyDeleteGood story
ReplyDeleteAnd and good thing