Tuesday, March 4, 2008

सपने

सपने
हर किसी को नहीं आते
बेजान बारूद के कणों में
सोई आग को सपने नहीं आते
बदी के लिए उठी हुई
हथेली के पसीने को सपने नहीं आते
शेल्फों में पड़े
इतिहास ग्रंथों को सपने नहीं आते

सपनों के लिए लाजिमी है
झेलनेवाले दिलों का होना
सपनों के लिए
नींद की नजर होनी लाजिमी है

सपने इसलिए
हर किसी को नहीं आते

- पाश

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