Tuesday, July 2, 2013
नाजिम हिकमत की कविता- डॉन क्विग्जोट
अमर नौजवानों के शूरवीर
पचास की उम्र में पाया कि उसका दिमाग है
उसके दिल में
और जुलाई की एक सुबह निकल पड़ा
सही, सुन्दर और जायज चीजों पर कब्ज़ा करने.
उसके सामने थी पागल और मगरूर दानवों की एक दुनिया,
वह अपने मरियल, लेकिन बहादुर रोसिनान्ते पर सवार.
मैं जानता हूँ किसी चीज की ख्वाहिश का मतलब,
लेकिन अगर तुम्हारे दिल का वजन सिर्फ एक पौंड सोलह औंस है,
तो मेरे डॉन, इन बेहूदी पवनचक्कियों से लड़ना,
कोई समझदारी की बात नहीं.
मगर तुम ठीक कह रहे हो, यकीनन दुल्सीनिया तुम्हारी औरत है,
इस दुनिया में सबसे खूबसूरत,
मुझे यकीन है कि तुम यह बात
गली के दुकानदारों के मुँह पर कहोगे चीखते हुए,
लेकिन वे तुम्हें गिराएँगे घोड़े से खींच कर
और बुरी तरह पीटेंगे.
मगर तुम, हमारे अभागे अजेय शूरवीर,
दमकते रहोगे अपने भारी-भरकम लोहे की टोप में
और दुल्सीनिया और भी खूबसूरत हो जायेगी.
(अंग्रेजी से अनुवाद- दिगम्बर)
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