Friday, February 29, 2008

अकाल और उसके बाद


कई दिनों तक चूल्हा रोया चक्की रही उदास
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त



दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद
धुआं उठा आंगन से ऊपर कई दिनों के बाद
चमक उठीं घर भर की ऑंखें कई दिनों के बाद
कौवे ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद.
-नागार्जुन

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