-- डेविड स्वांसन
1. अगर ईरान पर हमला किया गया तो वह जबाबी कार्रवाई करेगा, जो कि एक युद्ध अपराध होगा। और युद्ध
अपराध के लिए सजा देना जरुरी है।
2. मेरे टेलीविजन ने कहा है कि ईरान के पास नाभिकीय हथियार हैं। मुझे पूरा यकीन है
कि इस बार तो यह बात सही है ही। यही बात उत्तरी
कोरिया के मामले में भी सही है। हम केवल उन्ही देशों पर बमबारी करते हैं जिनके पास
या तो सचमुच में नाभिकीय हथियार होते हैं या वे बुराई की धुरी होते हैं।
केवल इराक को छोड़कर, उसकी बात कुछ और थी।
3. इराक की हालत बहुत बुरी नहीं है। अगर इस बात को ध्यान में रखा जाए कि वहाँ की सरकार
कितनी घटिया है, तो बहुत सारे लोगों के मरने या देश छोड़कर चले जाने के बाद वहाँ की स्थिति काफी बेहतर
हो गयी है। यह सब नहीं हो पाता अगर हमने योजना के अनुसार काम न किया होता ।
4. जब हमने ईरान से तेल नहीं खरीदने की ध्मकी दी तो ईरान ने हमें तेल नहीं देने की
धमकी दी, जो
बिल्कुल भी बर्दाश्त से बाहर है। हम उस तेल के बिना क्या कर पायेंगे? और यदि वह बेचने पर राजी
ही हो जाये, तो खरीदने से क्या फायदा?
5. 9/11 की घटना में ईरान का गुप्त रूप से हाथ था। मैंने इसे ऑनलाइन पढ़ा है। और अगर उसका
हाथ नहीं था तो यह और भी बुरी बात है। ईरान ने सदियों से किसी दूसरे देश पर हमला नहीं
किया, इसका मतलब ही है कि वह जल्द ही हमला करेगा।
6. अमरीकियों और इजरायलियों से भिन्न ईरानी कट्टर धर्मिक होते हैं । ज्यादातर इजरायली
ईरान पर हमला नहीं चाहते। पर वहाँ की पवित्र सरकार हमला चाहती है। इस फैसले का विरोध
करना ईश्वर के
विरूद्ध पाप है।
7. (अ) ईरानी इतने मूर्ख हैं कि जब हमने उसके वैज्ञानिकों की हत्या की तो उन्होंने टैक्सास में भाडे़ पर एक कार डीलर किया, ताकि मैक्सिको में भाडे़ पर
एक नशीले पदार्थ
की तस्करी करने वाले गिरोह को रखे, ताकि वाशिंगटन स्थित सउदी अरब के राजदूत की हत्या करें,
और उन्होंने किया भी
नहीं-- इतना कुछ इसलिए कि हम उनको पकडें और हमारी बदनामी हो।
7. (ब) ओह! इन मूर्खों पर तो बमबारी कर देना चाहिये। वे सभ्य नहीं है।
8. युद्ध अमरीका की अर्थव्यवस्था के लिये फायदेमन्द है और ईरान के लिए भी। ईरान में
मौजूद अमरीकी फौजी वहाँ का सामान खरीदेंगे। और जो महिलाएँ युद्ध के बाद जिंदा बचेंगी
उनको ज्यादा अधिकार होंगे। जैसा वर्जीनिया में हुआ था। 1953 की उस छोटी सी दुर्घटना (अमरीका द्वारा ईरान की चुनी हुई मोशद्दक सरकार की तख्ता-पलट) के बाद। हम
ईरान के शुक्रगुजार
हैं।
9. इस पूरे क्षेत्र को एकजुट करने का बस यही एक तरीका है। या तो हम ईरान पर बमबारी
करें और वह हमारे प्रति शाश्वत प्रेम की शपथ ले। या अगर जरूरी हो तो ईरान की मुक्ति के लिये हम
उस पर कब्जा कर लें, जैसे हमने उसके पडोसी देश के साथ किया। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। देखिए तो सही,
अपफगानिस्तान की हालत
कितनी अच्छी है।
10. वे हमारा ड्रोन वापस नहीं दे रहे हैं। अब बहुत हुआ।
वाजिब कारण गिनाए हैं स्वांसन ने :-)
ReplyDeleteशुक्रिया इसे पढ़वाने के लिए.