Saturday, April 6, 2013

उत्तरी कोरिया में युद्ध टालने का कर्तव्य

फिदेल कास्त्रो - फोटो राइटर से साभार


-फिदेल कास्त्रो

आज के दौर में मानवता जिन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, मैंने उनकी चर्चा कुछ दिन पहले ही की थी. हमारी धरती पर बौद्धिक जीवन लगभग 2,00,000 वर्ष पहले उत्पन्न हुआ था, हालाँकि नयी खोजों से कुछ और ही बात का पता चला है.

हमें बौद्धिक जीवन और उस सामान्य जीवन के अस्तित्व के बीच भ्रमित नहीं होना चाहिए, जो अपने शुरुआती रूप में हमारे सौर मंडल के अंदर करोड़ों साल पहले से मौजूद था.

दरअसल पृथ्वी पर जीवन के अनगिनत रूप मौजूद हैं. दुनिया के अत्यंत जानेमाने वैज्ञानिकों ने बहुत पहले ही अपनी श्रेष्ठ रचनाओं में इस विचार की कल्पना की थी कि 13.7 अरब वर्ष पहले ब्रह्माण्ड की सृष्टि के समय जो महा विस्फोट हुआ था, उस समय उत्पन्न हुई ध्वनि को पुनरुत्पादित किया जा सकता है.

यह भूमिका काफी विस्तृत होती, लिकिन यहाँ हमारा मकसद कोरयाई प्रायदीप में जिस तरह की परिस्थिति निर्मित हुई है, उसमें एक अविश्वसनीय और असंगत घटना की गंभीरता को व्याख्यायित  करना है, जिस भौगोलिक क्षेत्र में दुनिया की लगभग सात अरब आबादी में से पाँच अरब आबादी रहती है.

यह घटना अब से 50 वर्ष पहले, 1962 में क्यूबा के इर्द-गिर्द उत्पन्न अक्टूबर संकट के बाद नाभिकीय युद्ध की गंभीर चुनौती से मिलती-जुलती है.

1950 में वहाँ (कोरियाई प्रायदीप में) एक युद्ध छेड़ा गया था जिसकी कीमत लाखों लोगों ने अपनी जान देकर चुकायी थी. अमरीका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी शहरों के निहत्थे लोगों पर दो नाभिकीय बम गिराए जाने के कुछ ही सेकण्ड के अंदर लाखों लोगों की या तो मौत हुई थी या वे विकिरण के शिकार हुए थे जबकि इस घटना के महज पाँच साल बाद ही कोरिया में युद्ध थोपा गया था.

उस युद्ध के दौरान जेनरल डगलस मैकार्थर ने कोरिया जनवादी जन गणराज्य पर भी नाभिकीय हथियारों का इस्तेमाल करना चाहा था. लेकिन हैरी ट्रूमैन ने इसकी इजाजत नहीं दी थी.
इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि चीन ने अपने देश की सरहद से लगे एक देश में अपने दुश्मन की सेना को पैर ज़माने से रोकने के प्रयास में अपने दस लाख बहादुर सैनिकों को गवाँ दिया था. सोवियत सेना ने भी अपनी ओर से हथियार, वायु सैनिक सहयोग, तकनीक और आर्थिक मदद दी थी.

मुझे गर्व है कि मैं एक ऐतिहासिक व्यक्ति, अत्यंत साहसी और क्रन्तिकारी नेता किम इल सुंग से मिला था. अगर वहाँ युद्ध छिड़ गया तो उस महाद्वीप के दोनों ओर की जनता को भीषण बलिदान देना पड़ेगा, जबकि उनमें से किसी को भी इससे कोई लाभ नहीं होगा. कोरिया जनवादी जन गणराज्य हमेशा से क्यूबा का मित्र रहा है तथा क्यूबा भी हमेशा उसके साथ रहा है और आगे भी रहेगा.

अब जबकि उस देश ने वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियाँ हासिल कर ली है, तब हम उसे उन तमाम देशों के प्रति उसके कर्तव्यों की याद दिलाना चाहेंगे, जो उसके महान दोस्त रहे हैं और उसका यह भूलना अनुचित होगा कि इस तरह का युद्ध खास तौर पर इस ग्रह की सत्तर फीसदी आबादी को प्रभावित करेगा.

अगर वहाँ इस पैमाने की लड़ाई फूट पड़ती है, तो दूसरी बार चुनी गयी बराक ओबामा की सरकार ऐसी छबियों के सैलाब में डूब जायेगी जो उनको अमरीका के इतिहास के सबसे मनहूस चरित्र के रूप में प्रस्तुत करेंगे. युद्ध को टालना उनका और अमरीकी जनता का भी कर्तव्य बनता है.

फिदेल कास्त्रो रुज
4 अप्रैल, 2013 

(मूल अंग्रेजी लेख dianuke.org से आभार सहित. अनुवाद- दिगम्बर)


1 comment: